कंप्यूटर वायरस कई प्रकार से हमारे सिस्टम या कंप्यूटर को संक्रमित कर सकते है, और यह वायरस कई प्रकार के होते है। जिनके बारे में हम आपको बताएंगे। एक बार यह हमारे कंप्यूटर में प्रवेश कर जाये तो हमारे सिस्टम को बहुत हानि पहुंचा सकते है।
कंप्यूटर वायरस क्या है? यह एक प्रकार का मैलवेयर है। यदि यह वायरस हमारे कंप्यूटर में प्रवेश हो जाते है तो यह खुद की कॉपी तैयार करके पुरे कंप्यूटर में में बहुत तेजी से फैल सकते है जिससे हमारे कंप्यूटर का डाटा असुरक्षित हो सकता है।
कंप्यूटर वायरस अलग अलग प्रकार के होते है -
1. बूट सेक्टर वायरस - इस वायरस के नाम से आप जानते सकते है यह वायरस कंप्यूटर की बूटिंग के दौरान कंप्यूटर में प्रवेश करता है। यह वायरस हार्डडिस्क और अन्य स्टोरेज डिवाइस में स्टोर होकर कंप्यूटर के बूट सेक्टर को संक्रमित करता है।
2. मैक्रो वायरस - यह वायरस application software जैसे की MS Word, PowerPoint और Excel में उपयोग होने वाले मैक्रो ऑप्शन के क्रम को संक्रमित करता है।
3. ओवरराईट वायरस - यह वायरस कंप्यूटर की फाइल का डाटा बदल सकते हैं और डिलीट भी कर सकते।और यह ईमेल द्वारा कंप्यूटर में प्रवेश करते है।
4. रेजिडेंट वायरस - यह वायरस कंप्यूटर की मेमोरी में प्रवेश करके कंप्यूटर फाइल्स और सॉफ्टवेयर प्रोग्राम को नष्ट करते है।
5. पोलीमॉर्फिक वायरस - यह वायरस सिस्टम के डाटा टाइप और फंक्शन्स को संक्रमित कर सकते है। इन्हे एंटीवायरस द्वारा पहचना मुश्किल होता है क्योकि यह वायरस खुद की हज़ारों कॉपी तैयार करते है।
6. फाइल इंफेक्टर वायरस - यह प्रोग्राम फाइल की फाइल्स को इन्फेक्ट कर सकता है जैसे की .com और .exe फाइल।
7. कैविटी वायरस - यह वायरस फाइल का आकर बदले बिना उस फाइल के खली हिस्से को भर सकता है। इसका पता लगना बहुत कठीन होता है। इसे स्पसेफिलर भी कहा जाता है।
8. कम्पैनियन वायरस - यह वायरस प्रोग्राम फाइल की कॉपी बनाता है और जब वह फाइल execute होती है तो वह वायरस भी execute होता है। इसको पहचाना बहुत मुश्किल होता है।
9. CMOS वायरस - यह वायरस CMOS को इन्फेक्ट करता है CMOS एक चिप होता है जोकि इनफार्मेशन को स्टोर करता है।
10. रैबिट वायरस - यह वायरस अनंत लूप चलता है और कंप्यूटर को slow और crash कर सकता है।
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